नेत्रदान

October 12 2023

प्रत्येक काली, अंधेरी रात के बाद एक सुनहरी और सुंदर सुबह का आगमन होता है. वह सुबह जिसका हर किसी को बेसब्री से इंतज़ार होता है, पर क्या हमने कभी उन लोगों के बारे मे सोचा है ? जिनके जीवन मे अंधेरी रात के अतिरिक्त और कुछ भी नही है. जिनकी आँखों ने सुबह की सुंदरता नही देखी, जिन्होने सूरज की तपन को सिर्फ़ महसूस किया है सूर्य दर्शन नही किये. जिन्होने चिड़ियों की चहचाहतको सिर्फ़ सुना है. चिड़ियों को कभी नही देखा. जीहाँ, मैं दृष्टिहीन व्यक्तियों के संबंध मे बात कर रही हूँ जिनके लिए जीवन का अर्थ सिर्फ़ एक शब्द मे सिमटकर रह गया है- अंधकार
मनुष्य ईश्वर की महानतम कृति है. नेत्रहीन भी उसकी रचना का महत्वपूर्ण अंग है. यदि हम चाहे तो वे भी एक संपूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते है. उन्हे दया की नही, हमारे सहयोग की आवश्यकता है.
सबसे सर्वोच्च दान है नेत्रदान. इससे किसी के जीवन की परिभाषा ही बदल जाती है. यदि आज हम मिलकर नेत्रदान का संकल्प कर ले तो किसी और की आँखे नया सबेरा देख पाएगी.
दियों की रोशनी से दमके आपका घर आँगन.
पुलके मन, नवज्योत से हो जाए जीवन रोशन.
इस नई सुबह का नज़ारा, लेके आए पैगाम एक प्यारा.
जागो उठो तैयार हो जाओं, खुशियों से भरा रहे दिन तुम्हारा.

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