Welcome to MK Eye Bank Optometrist & Eyes Care The first corneal transplant of India was done at Indore in the late fifties by Dr. R. P. Dhanda and Dr. V. Kelevar Unfortunately in Central India we are still lacking a stand alone Eye Bank. How To Become A Donor Welcome to MK Eye Bank Optometrist & eyes care The first corneal transplant of India was done at Indore in the late fifties by Dr. R. P. Dhanda and Dr. V. Kelevar Unfortunately in Central India we are still lacking a stand alone Eye Bank. How To Become A Donor Welcome to MK Eye Bank Optometrist & eyes care The first corneal transplant of India was done at Indore in the late fifties by Dr. R. P. Dhanda and Dr. V. Kelevar Unfortunately in Central India we are still lacking a stand alone Eye Bank. How To Become A Donor

Cornea Collction Data

134

Number of Cornea this Month

39

Motivated

28

Voluntary

11598

Total Cornea till date

128

Number of Cornea this Month

672

Cornea Collection last Month

04

Number of Sclera

Latest News

December 23, 2023
एकलआरोग्य प्रकल्प संभाग मध्य भारत एवं केंद्रीय प्रशिक्षण
दिनांक 22 दिसंबर 2023 को एकलआरोग्य प्रकल्प संभाग मध्य भारत एवं केंद्रीय प्रशिक्षण प्रमुख स्थान ग्रामोउत्थान केंद्र करही जिला खरगोन, 35 आरोग्यसेविकाओं (विभिन्न क्षेत्रों से) नेत्र सुरक्षा , नेत्रदान जागरूकता का पाॅवरर्पाइंट प्रेजेन्टेशन दिखाकर जानकारी प्रदान की गई व कैन्सर का जल्दी पता लगाना इस पर विस्तृत जानकारी देकर आरोग्य सेविकाओं को स्व-परीक्षण का प्रशिक्षण दिया गया।
October 11, 2023
10वां नेशनल कॉर्निया एंड आई बैकिंग कॉन्फ्रेंस पुणे में सम्पन्न
पुणे में आयोजित सितम्बर माह में तीन दिवसीय 10वां राष्ट्रीय कार्निया एवं आई बैंकिंग सम्मेलन में एम.के. आई बैंक इंदौर की सक्रिय भागीदारी रही। आई बैंक लिडरशीप समिट से सम्मेलन की शुरुआत की गई, जिसमें एन.पी.सी.बी. (NPCB) जी.ए.ई.बी.ए. (GAEBA), ए.ई. बी.ए. (AEBA), ए.सी.बी.ए. (ACBA), ए.सी.बी. (ACBA), साईट लाइफ (Sight Life), आई.एफ .ई.बी. (IFEB), केरा लिंक इंटरनेशनल (Kera Link International) से प्रतिभागी शामिल थे। एम.के. आई बैंक द्वारा द्वितीय सत्र  में प्रस्तुति दी गई।  इस राष्ट्रीय सम्मेलन में एक लाख कॉर्निया प्रत्यारोपण का लक्ष्य 31 दिसम्बर 2020 तक रखा गया है। राष्ट्रीय स्तर पर मल्टी सेन्टर समन्वय एवं कार्य योजना बनाकर इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न सदस्यों के द्वारा अपने नूतन विचार रखे। इस सम्मेलन में चेयरमेन जी. मुखर्जी, डॉ. कर्नल मदन देशपांडे, डॉ. नम्रता शर्मा(सचिव) के साथ ही मिस हीथर मकीन, मिस क्लेयर बोनिला, डॉ. मोहम्मद फ राजद्गी अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी के साथ ही मेजर जनरल डॉ. जे.के. एस. परिहार (उपाध्यक्ष), डॉ. ऋषि मोहन, डॉ. आर. गोविंद हरि प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी इस सम्मेलन में शामिल थे। इस सम्मेलन में एम.के. आई बैंक द्वारा ‘थेरेप्यूटिक ग्रेड कॉर्निया टिश्यु के उपयोग’ एवं ‘ग्रामीण क्षेत्रों में आई बैंकिंग’ पर सारगर्भित उद्बोधन दिया व इसको बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास और इसके लिए आवश्यक सहायता के संबंध में चर्चा की गई। इस सम्मेलन में श्रीमती झंवर के साथ तकनीकी टीम के सदस्य श्री अनिल गौरे ने भाग लिया। 
October 11, 2023
प्रकाश जैन, न्यासी शामिल हुए
प्रकाश जैन, न्यासी शामिल हुए श्री प्रकाश पिता स्व. शांतिलाल जैन (सीए)  फ र्म-प्रकाश एस. जैन एण्ड कं. मुरलीधर किशन गोपाल पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित एम.के. इन्ट. आई बैंक में बतौर ‘‘न्यासी’’ शामिल हुए। आपका आर्थिक क्षेत्र के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में दीर्घ अनुभव ट्रस्ट के काम आएगा। आपके व्यक्तित्व में कुशाग्र बुद्धि, सबको प्रेरित करने की कला, मानवता, सामाजिक सेवा का दीर्घ अनुभव सभी के प्रिय श्री प्रकाश जैन, भट्टारक यशकीर्ति दिगम्बर जैन पारमार्थिक ट्रस्ट प्रतापगढ़ (राज.) श्री दुआचंद रखबदास पारमार्थिक ट्रस्ट, इंदौर के न्यासी, अहिल्यामाता गौशाला के साथ ही जैन समाज में सामाजिक शिक्षा प्रकल्पों एवं सेवा सहायता आदि में आपकी सक्रिय भूमिका रहती है। आपका मानना है कि सामाजिक स्तर पर लोगों को शिक्षित एवं जागरूक कर नेत्रदान को बढ़ावा देना होगा। इंदौर में जन्मे श्री प्रकाश जैनजी अति विनम्र एवं दृढ़ सम्माननीय व्यक्तित्व है। आपका नेत्र बैंक से जुड़ना हम सब के लिए गौरव की बात है। 
October 11, 2023
ऑल इंडिया आप्थोमोलॉजीकल सोसायटी
ऑल इंडिया आप्थोमोलॉजीकल सोसायटी का 77वां वार्षिक सम्मेलन संपन्न इंदौर। ऑल इण्डिया ओप्थोमोलोजिकल सोसायटी की कॉन्फ्रेंस इन्दौर में फरवरी 2019 माह में संपन्न हुई। इस अवसर पर कॉन्फ्रेंस में पधारे प्रमुख डॉक्टर्स एवं आई बैंक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एम.के. इंटरनेशनल आई बैंक का अवलोकन किया एवं आई बैंक की गतिविधियों की सराहना की।  एआइओस कांफ्रे न्स में विशेषज्ञ बोले-हर साल देश में 50 हजार कार्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत है। अपोलो हास्पिटल, हैदराबाद के कार्निया सर्जन  डॉ. राजेश फोगला ने कहा, देश में हर सालों लाखों लोग कार्निया बदलने का इंतजार कर रहे है। देश में औसतन हर साल 25 हजार कार्निया ट्रांसप्लांट हो रहे है। जरूरत लगभग 50 हजार ऑपरेशन हर साल करने की है। नेत्रदान के प्रति जागरूकता की कमी के कारण लाखों लोगों को अंधेरे का जीवन जीने को मजबूर है। भारत में यह ऑपरेशन बहुत ही आसान एवं सस्ता है जबकि विदेशों में इसका खर्च लाखों में है। 77वाँ एआईओस कांफ्रेन्स आर्गेनाईजिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ. आर.एस. चौधरी, सचिव, डॉ. सतीश प्रेमचंदानी, डॉ. सुधीर महाशब्दे, उपाध्यक्ष डॉ. प्रतीप व्यास, कोषाध्यक्ष डॉ. महेश सोमानी, डॉ. एस. बांडे के सफ ल नेतृत्व में इंदौर में यह कॉन्फ्रेंस सम्पन्न हुआ।   All India Ophtomological
October 11, 2023
एम.के. इंटरनेशनल आई बैंक की मासिक कार्निया क्लब मीटिंग संपन्न
एम.के. इंटरनेशनल आई बैंक की मासिक कार्निया क्लब मीटिंग संपन्न प्रति माह अनुसार इस बार भी एम.के. इंटरनेशनल आई बैंक के द्वारा कॉर्निया क्लब की मासिक बैठक दिनांक 02 जून 2019 को रखी गयी थी। आई बैंक के द्वारा सभी नेत्र दाता परिवार को आमंत्रित कर उनका सम्मान एवं आई बैंक का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि के रूप मैं जे.जी.टी.एस. ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री अशोक जी यादव, सचिव श्री विजय जी बडगुजर एवं उनके साथी गण उपस्थित रहे। तिलोरखुर्द से नटवरलाल पाटीदार, बदनावर से रितेश बागरेचा एवं नेत्रदान दाता परिवार ने भी पधारकर अपने विचार प्रकट किये व अपने-अपने क्षेत्र में नेत्रदान के प्रति जागरूकता लाने का संकल्प लिया। श्रीमति विमलेश झंवर मुख्य वक्ता के रूप मैं आई बैंक के डॉक्टर राजेश गुप्ता एवं आई बैंक की प्रबंध संचालक श्रीमती उमा झंवर जी ने अपनी भूमिका निभाई। अप्रैल माह के नेत्रदान दाता परिवार इस कॉर्निया क्लब मीटिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे। इस प्रकार यह मीटिंग सम्पन हुई। इस मौके पर आई बैंक के समस्त स्टाफ भी उपस्थित रहा।

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M K International Eye Bank

The first corneal transplant of India was done at Indore in the late fifties by Dr. R. P. Dhanda and Dr. V. Kelevar Unfortunately in Central India we are still lacking a stand alone Eye Bank.

Sai Sampada(Building – which houses the Eye Bank) is an Energy Efficient Building. Bharat Ratna Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s vision inspired and motivated us to construct this Energy Efficient Building.

We have completed all the legal formalities. Registration with EBAI and under Human Organ Transplant Act has also been done.

Vision

We wish to provide services of international standards. The services of our Eye Bank shall cater in future 20 million population of Central India.

Awareness Campaings

Dramatic developments in organ and tissue transplantation have allowed persons with life-threatening illnesses a chance to live.

Myths and Misconception

There are many myths and misconceptions about organ and tissue donation. Here are the facts

Eye Donation

Your Contribution towards preventing blindness
Your contribution towards supporting the our mission for the people could be utilized in several ways, such as eye care services for a non-paying patient, training deserving eye care professionals, researching eye disease treatment strategies, or setting up a new facility at the institute. The Eye-Bank is a non-profit, registered charitable organization supported by people like you. You can help people in need with financial contributions as well as eye donations. Your financial contribution will help The Eye-Bank restore sight and help to promote the awareness of eye donation through public and professional education programs. Here are some possible areas where your contribution would be used. You can also specify your own purpose, and the amount you wish to. These services can be sponsored in the name of a person or organization of your choice.

What we do

An eye bank receives a call from a hospital or an organ procurement organization or another “federally designated” third party that an individual has died and has met preliminary criteria for donation. The eye bank has a very short time within which to contact the next of kin, obtain consent and recover the tissue. This generally needs to happen within 12 hours of the time of death.